राहु दोष
भारतीय वैदिक ज्योतष में राहु को मायावी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है तथा मुख्य रूप से राहु मायावी विद्याओं तथा मायावी शक्तियों के ही कारक माने जाते हैं। इसके अतिरिक्त राहु को बिना सोचे समझे मन में आ जाने वाले विचार, बिना सोचे समझे अचानक मुंह से निकल जाने वाली बात, क्षणों में ही भारी लाभ अथवा हानि देने वाले क्षेत्रों जैसे जुआ, लाटरी, घुड़दौड़ पर पैसा लगाना, इंटरनैट तथा इसके माध्यम से होने वाले व्यवसायों तथा ऐसे ही कई अन्य व्यवसायों तथा क्षेत्रों का कारक माना जाता है। नवग्रहों में यह अकेला ही ऐसा ग्रह है जो सबसे कम समय में किसी व्यक्ति को करोड़पति, अरबपति या फिर कंगाल भी बना सकता है तथा इसी लिए इस ग्रह को मायावी ग्रह के नाम से जाना जाता है। अगर आज के युग की बात करें तो इंटरनैट पर कुछ वर्ष पहले साधारण सी दिखने वाली कुछ वैबसाइटें चलाने वाले लोगों को पता भी नहीं था की कुछ ही समय में उन वैबसाइटों के चलते वे करोड़पति अथवा अरबपति बन जाएंगे। किसी लाटरी के माध्यम से अथवा टैलीविज़न पर होने वाले किसी गेम शो के माध्यम से रातों रात कुछ लोगों को धनवान बना देने का काम भी इसी ग्रह का है।
दुनिया में विभिन्न मंचों पर अपने जादू के करतब दिखा कर लोगों को हैरान कर देने वाले जादूगर आम तौर पर इसी ग्रह के विशेष प्रभाव में होते हैं तथा काला जादू करने वाले लोग भी राहु के विशेष प्रभाव में ही होते हैं।
राहु महाराज की माया के कारण जातक मौका आने पर ऐसी बातें भी कह देता है जो खुद उसकी अपनी जानकारी में नहीं होतीं तथा अचानक ही उसके मुंह से निकल जातीं हैं।
कुंडली में राहु के बलहीन होने से अथवा किसी बुरे ग्रह के प्रभाव में होने से जातक को अपने जीवन में कई बार अचानक आने वाली हानियों तथा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे जातक बहुत सा धन कमा लेने के बावजूद भी उसे संचित करने में अथवा उस धन से संपत्ति बना लेने में आम तौर पर सक्षम नहीं हो पाते क्योंकि उनका कमाया धन साथ ही साथ खर्च होता रहता है। राहु पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव कुंडली धारक को मानसिक रोगों, अनिद्रा के रोग, बुरे सपने आने की समस्या, त्वचा के रोगों तथा ऐसे ही अन्य कई बिमारियों से पीड़ित कर सकता है।
राहु महादशा उपचार (Remedies of Rahu Dasha)
राहु की महादशा में काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं. सरसों का तेल व काले तिल का दान दें. रात को सोते समय अपने सिरहाने में जौ रखें जिसे सुबह पंक्षियों को दें. बहते पानी में शीशा अथवा नारियल प्रवाहित करें. इसके अलावा बहते पानी में तांबे के 43 टुकड़े प्रवाहित करें. माता सरस्वती की पूजा करें. गोमेद चांदी की अंगूठी में दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए.
राहु दोष हो तो जीवन में घटती हैं अशुभ घटनाएं, जानें बचने के आसान उपाय
कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो तो नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ते हैं. जानते हैं कि राहु दोष से बचने के क्या उपाय किए जा सकते हैं. p>
Rahu Ke Sanket: वैदिक ज्योतिष में राहु को बहुत क्रूर ग्रह माना गया है. कुंडली में राहु दोष हो तो व्यक्ति के जीवन में कई अशुभ घटनाएं होने लगती हैं. नींद ठीक से न आना, डरावने सपने आना, सोते समय बार-बार डर जाना, शरीर में कमजोरी या फिर बहुत अधिक आलस कुंडली मे राहु के अशुभ होने का संकेत देते हैं. जब राहु के अशुभ फल दे रहा हो तो उसे शांत करने के प्रयास करने चाहिए. जानते हैं कि राहु दोष से बचने के क्या उपाय किए जा सकते हैं.
राहु दोष के लक्षण
कुंडली में राहु अशुभ होता है तो व्यक्ति के नाखून और बाल कमजोर होने लगते हैं. राहु की अशुभ छाया पड़ने पर घर में मौजूद पालतू जानवर या फिर पक्षी अचानक मर जाता है. परिवार के सदस्यों के बीच बिना किसी बात के मनमुटाव होने लगता है. राहु दोष लगने पर पति-पत्नी के संबंधों में दरार आने लगती है. यहां तक की कई बार तलाक तक की भी नौबत आ जाती है.
राहु की अशुभ छाया पड़ने पर घर के आसपास बार-बार सांप दिखाई देता है. व्यक्ति का दिमाग असंतुलित हो जाता है और वो अधिकतर भ्रमित रहने लगता है. राहु के अशुभ होने पर पेट संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है.
राहु दोष दूर करने के उपाय
कुंडली में राहु की स्थिति ठीक करने के लिए हर सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और काले तिल अर्पित करना चाहिए. सुबह स्नान करने के बाद ‘ऊँ रां राहवे नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पानी में कुश डालकर नहाने से भी कुंडली से राहु दोष कम होता है.
बुधवार से शुरू करके सात दिनों तक काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से राहु दोष काफी कम हो जाता है. जिनकी कुंडली में राहु पीड़ित हो उन लोगों को नीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और शराब और मांस से परहेज करना चाहिए.
जो लोग राहु के अशुभ प्रभाव से परेशान हों उन्हें शिवजी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और राहु का नकारात्मक प्रभाव कम पड़ता है. राहु की महादशा से परेशान जातक को शिव साहित्य, शिवपुराण आदि का पाठ करना चाहिए.
खराब राहु के लक्षण
अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो आपको मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं को लेकर गलतफहमी, आपसी तालमेल में कमी, बात-बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना, अपशब्द बोलना और हाथ के नाखून अपने आप टूटने लगते हैं। अब आइए केवल शुभ प्रभाव वाले राहु की चर्चा करते हैं। राहु तीसरे, छठे व ग्यारहवें भाव में मौजूद हो तो शुभ फल प्रदाता हो जाता है।
राहु दोष निवारण के लिए करें ये 10 आसान उपाय, रुकावटें होंगी दूर
- 1. ॐ रां राहवे नमः प्रतिदिन एक माला जपें।
- 2. नौ रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें। शनिवार को राहु के बीज मन्त्र द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें। राहु बीज मन्त्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: (108 बार)
- 3. दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- 4. पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं।
- 5. सप्तधान्य का दान समय-समय पर करते रहें।
- 6. एक नारियल ग्यारह साबुत बादाम काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें।
- 7. शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
- 8. अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं।
- 9. तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल न करें।
- 10. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल, ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
इस मंत्र को विशुद्ध उच्चारण के साथ तेज स्वर में पूरी राहु की दशा के दौरान कीजिए। ध्यान रहे कि राहु की वक्र दृष्टि या अशुभ स्थिति इंसान को संकटापन्न कर देती है। विवेक-बुद्धि का ह्रास हो जाता है तथा ऐसी दशा में जातक निरुपाय रह जाता है। इसलिए वह स्वयं प्रयत्नहीन होकर उल्टे-गलत निर्णय लेने लगता है। यहां पर पीड़ित जातक के बंधु-बांधवों को चाहिए कि यथाशक्ति उसे अवलंबन प्रदान करें तथा राहु की अशुभ दशा के आरंभ के पूर्व ही उससे बचने और निवारण के उपाय शुरू करवा दें।